
पेंटागन मॉल अपने आप में ही एक बड़ा नाम है पर हरिद्वार में जो पेंटागन मॉल है
सिडकुल क्षेत्र में पेंटागन जैसे माल की बात कर तो अपने आप में एक बड़ा नाम है जी हां आपने सही सुना के अंदर प्रवेश करने पर ग्राहकों से पार्किंग के नाम पर ₹30 से लेकर ₹60 लिए जाते हैं वाहन पार्किंग अलग की जाती है वही माल की व्यवस्थाओं की बात करें तो माल की सुविधा खानापूर्ति की जाती है जो व्यक्ति बाहर से आकर पहले अपने वहां का वहां की पार्किंग देता है वही व्यक्ति को मूल की फैसिलिटी नहीं मिल पाती हैं या फिर यूं कहे मोर के अंदर जितने भी एक्सीलेटर लगे हैं उनमें से एक भी काम नहीं कर रहा है या फिर यूं कहें माल वालों ने भारी संख्या में पहुंचे व्यक्तियों के सुविधाओं में यह कमी भी है वैसे तो यह है एक्सीलेटर रोज चलाते हैं पर आज संख्या जब बड़ी तो उन्होंने यह एक्सीलेटर बंद कर दिया है ऐसी कितनी सुविधा नहीं मिल पा रही हैं देखने वाली यह बात होगी कि और दिन मोड में व्यक्ति दिखाई भी नहीं देता था और आज इतनी संख्या आने पर इन्होंने एक्सीलेटर बंद कर दिया है जिसकी वजह से लोगों का ध्यान इधर से शिफ्ट हो रहा है या फिर यूं कहे माल की तरफ लोगों का ध्यान नहीं जाता है क्योंकि बहुत सारी ऐसी जो सीधा लोगों को यहां पर मिल पाती थी खाने से लेकर या उसके पहनने से किसी का वह सब धीरे-धीरे लुप्त होते हुए नजर आ रही है स्पेंसर की बात कर लेते हैं स्पेंसर के बहाने पब्लिक यहां पहुंच पाती अब पब्लिक का दिखना बंद हो गया है क्या आने वाले समय में द पेंटागन मॉल चल पाएगा या नहीं यह तो वक्त ही बताएगा