कुंभ मेले के दौरान फर्जी संतों के खिलाफ मुहिम चलाने वाले एक बड़े अखाड़े के मठाधीश अब अपराधिक प्रवृत्ति वाले प्रॉपर्टी डीलर को महामंडलेश्वर बनाने की घोषणा कर चुके हैं। जिसके बाद से यह कथित आदियोगी संतों में अपनी पैड बनाने के साथ-साथ राजनीति में भी एंट्री चाहता है बीते 2 माह से हाईलाइट हुए इस कथित संत का पौराणिक इतिहास क्या है यह जाने बगैर ही भव्यता देखकर संत बनाने की घोषणा कर दी गई।
जी हां यह तस्वीर अभी हाल ही में कुछ संतों की दक्षिणा कृपा से बने एक योगी महाराज की है। अब योगी तो आदि योगी बन चुके है जाहिर है कि अब इनका कोई बाल भी बांका नहीं कर सकता है क्योंकि बड़े-बड़े मठाधीशों ने इन्हें अभयत्व का वरदान व आशीर्वाद जो दे दिया है। लेकिन पुलिस की फाईल इन्हीं योगी जैसी शक्ल के व्यक्ति को शैंकी त्यागी बता रही है या पुलिस को पूरा शक यकीन है कि योगी महाराज की शक्ल वाला व्यक्ति ही शैंकी त्यागी है। पुलिस की डायरी के मुताबिक महज 2 वर्ष पूर्व वर्ष 2021 में हत्या के प्रयास 307 सहित 7 धाराओं में बहादराबाद थाने में शैंकी त्यागी के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। यही नहीं करीब आधा दर्जन लोगों ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के यहां शिकायत प्रकोष्ठ में इसके खिलाफ धमकी देने, मकान न बनने देने आदि आदि कि शिकायत भी की थी। अंदाज कहें या यकीन लेकिन शक की सुंई घूम रही है कि हो सकता है कि शैंकी त्यागी ही अब अपनी अपराधिक पृष्ठभूमि को छुपाने के लिए योगी नाम से संत बन गया हो। प्रापर्टी डीलिंग से जुड$े संतो के साथ उस व्यक्ति द्वारा जबरदस्त गठजोड किया जाना विगत दिनों में जग जाहिर हो भी चुका है। कि अखाड़े में महामंडलेश्वर बनना करोड$ों रुपए खर्च करने के बराबर है। शक करने वालों का यह सवाल भी अहम है कि आदियोगी उर्फ शैंकी त्यागी अपने गृहस्थ जीवन को छोड़कर महामंडलेश्वर क्यों बनना चाहता है। ऐसा 2 साल के अंदर क्या माया उसके पास आई या आय से अधिक धन को काले धन को व्हाइट करने के लिए उसने यह चाल चली। वहीं दबी जुबान से ही सही लेकिन कुछ अच्छे संत जो इसे स्वीकार नहीं करते उनका कहना है कि अपराधी किस्म के व्यक्ति जब अपने धनबल का प्रलोभन देकर संत और उसमें भी महामंडलेश्वर बनने का ख्वाब देखने लगें तो सावधान हो जाएं कि हिंदू सनातन धर्म किस ओर जा रहा है। अभी तक अपराध में राजनीतिक नेताओं की बात होती थी अब धर्म में भी आपराधिक भूमिका वाले लोग धर्म का प्रचार करने के लिए अखाड़ों में शामिल हो रहे हैं। यह बात केवल हम नहीं कहते बल्कि बहादराबाद थाने में वर्ष 2021 में दर्ज की गई रिपोर्ट से साबित होती है।
वहीं दबी जुबान से ही सही लेकिन कुछ अच्छे संत जो इसे स्वीकार नहीं करते उनका कहना है कि अपराधी किस्म के व्यक्ति जब अपने धनबल का प्रलोभन देकर संत और उसमें भी महामंडलेश्वर बनने का ख्वाब देखने लगें तो सावधान हो जाएं कि हिंदू सनातन धर्म किस ओर जा रहा है। अभी तक अपराध में राजनीतिक नेताओं की बात होती थी अब धर्म में भी आपराधिक भूमिका वाले लोग धर्म का प्रचार करने के लिए अखाड़ों में शामिल हो रहे हैं। यह बात केवल हम नहीं कहते बल्कि बहादराबाद थाने में वर्ष 2021 में दर्ज की गई रिपोर्ट से साबित होती है।